कोरोना में गणेश चतुर्थी : जीवन का एक आयाम
पवित्र श्रावण मास में तो इतनी बरसात न थी, लेकिन भादों अपने साथ काली घटा एवं ठंडी हवा लेकर आया। रक्षाबंधन पर्व के 2-3 दिन पश्चात ही भाद्रपद मास ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था। पहले ठंडी-ठंडी हवा और फिर तूफ़ानी बूँदे, मानो सबके लिए एक खुशी का त्योहार।
बच्चों के पसंदीदा मौसम का आगमन हो चुका था, सभी अपनी कागज की कश्तियों के साथ तैयार थे और सभी किसान भी खुश थे, जिनकी फसल टिड्डी-दलों से बचकर पानी की राह देख रही थी। थोड़ी बूंदाबांदी के बाद प्रकृति ने भी अपनी खुशी हरियाली के रूप में प्रकट कर दी थी और फिर सिलसिला यूं चला, मानो रुकने का नाम ही न ले रहा हो, भारी वर्षा और आंधी ने अब अलग ही रूप ले लिया था। धीरे-धीरे सरकार द्वारा किए गए विकास के कार्यों के परिणाम भी सामने आने लगे थे। जगह–जगह जल भराव और खड्डों ने आम लोगों को परेशान कर दिया था लेकिन गर्मी से राहत भी तो मिली, उसे कैसे भूल जाएं..! पक्के मकानों में रहने वालों को तो फिर भी क्या चिंता, परंतु कच्चे मकानों में रहने वालों का क्या साहब ? कहीं छत टपक रही थी तो कहीं दीवार में छेद।
कुछ दिन लगातार बारिश का आनंद मैंने भी बालकनी से लिया। बालकनी से बड़ा ही बढ़िया नजारा आँखों को भा जाता था। वैसे भी कोरोना महामारी के कारण बाहर भी नहीं जा सकते थे, तो बालकनी से ही अपने आपको संतुष्ट करना था। बालकनी का रोज़ सुबह का दृश्य तो गतिशील होता था, क्योंकि मज़दूर परिवार अपने काम की ओर कूच करते थे। सभी नहा-धोकर अपने टिफिन और बच्चों के साथ तैयार होकर ट्रैक्टर में बैठ जाते और इंतजार करते अपने गंतव्य का। सभी भैया-दीदी अपने भाई-बहन का ख्याल रखते एवं उन्हे भी अपनी टोली में शामिल कर लेते और माता-पिता के साथ काम पर चले जाते।
आज जब मैं अपनी बालकनी में पहुँचा तो नज़ारा कुछ अलग-सा दिखा, मानो घड़ी की रफ़्तार कम हो गई हो। सभी बच्चे आज बड़े खुशी से खेल रहे थे, मैंने सूरज की ओर देखा तो वह भी पूर्व की ओर से ही उगा था, फिर मैंने सोचा कहीं जल्दी तो नहीं उठा और तुरंत मैंने हॉल की घड़ी की ओर नज़र दौड़ाई तो काटें भी वही समय बयां कर रहे थे। इससे पहले और कुछ सोचता फोन की घंटी बज गई और बात शुरू हो गई। कुछ देर बाद फोन रखने पर नोटिफिकैशन की घंटी बजने लगी और जब देखा तो गणेश चतुर्थी की शुभकामनाओं का ताँता बंध चुका था और मुझे मेरे सवाल का उत्तर भी मिल गया कि आज बच्चे छुट्टी होने के कारण निश्चिंत होकर खेल रहे हैं….
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत खूब। आपके लिखने का अंदाज हमें बहुत पसंद आया।
धन्यवाद.. ! 🙏
वर्तमान स्थिति का बहुत ही अच्छे शब्दो की माला में…..
.👌💐
🙏🙏
Bahut pyaare dhang se bahut sari jaankari di hai aapne dhanyavad
बहुत बहुत धन्यवाद…. !
Sir this is really great… I m blessed to read this.. thank u for this … u wrote really well…😊
Thank You !😊
Bahot hi achcha likha … really very great 👌👌
Thanks a lot..!!😊😊
Adbhut Gaurav bhai👌👌👌
Thank You !!😊
Bahut hi acha likha hai apne…thanks for the information 🤟😄
Thank you.😊